कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब, कड़ी ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

Spread the love

आज कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कार्तिक स्नान पर्व पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। इसके चलते हरकी पैड़ी पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में पावन डुबकी लगाई। हरिद्वार में आधी रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। वहीं, ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान करना शुरू कर दिया। भारी ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है।

श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. स्नान के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से समस्त मेला क्षेत्र को 9 जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया है. करीब डेढ़ हजार पुलिस बल मेले में लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगाया गया है.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीर्थ नगरी हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान आज सुबह चार बजे से ही शुरू हुआ. ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया. स्नान पर्व को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. ज्योतिषियों की मानें तो आज के दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है. आज ही के दिन सिखों के धर्म गुरु गुरुनानक देव का प्रकाश उत्सव भी मनाया जाता है.

मान्यता है कि साल भर के बारह महीनों में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन से पूर्णिमा तक के पांच दिनों को काफी खास माना जाता है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन से बाहर आते हैं और इस दिन को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. इस दिन से शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. इन पांच दिनों को ज्योतिष पंचक कहते हैं. इन पांच दिनों तक व्रत रखकर गंगा स्नान करना चाहिए. पुराणों में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति पूरे साल भर गंगा स्नान नहीं कर पाता है, वह कार्तिक की पूर्णिमा के केवल एक दिन भी गंगा में स्नान कर ले तो उसे पूरे साल भर के गंगा स्नान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है.

Vishal Sharma